Tuesday, September 11, 2007

यह घर है

यह घर है
..............
यह घर है
इसमें एक बार कोई चीज़
खोयी तो मिली नहीं

मगर कुछ चीज़े कभी खोयी नहीं।
--------------------------------
चाक़ू
.........
चाकू खुद ह्त्या नहीं करता
और मदद तो वह
सब्जी काटने में भी करता है.

2 comments:

उन्मुक्त said...

हिन्दी चिट्ठाकरी के घर में प्रवेश करने पर स्वागत है।

विष्णु नागर said...

dhanyawad.