Tuesday, September 11, 2007

ईश्वर की कहानियाँ

मनुष्य के चोले में पृथ्वी पर आने से पहले ईश्वर को उन सबसे प्यार था , जो उनसे प्यार करते थे।

लेकिन पृथ्वी पर आने के बाद उन्होंने पाया कि वे ऐसे कई लोगों से नफ़रत करते हैं जो उनसे प्यार करते हैं और ऐसे कई लोगों से प्यार करते हैं जो उनसे नफ़रत करते हैं।



ईश्वर को पृथ्वी पर आये बहुत अरसा बीत चुका था .वह चलते-चलते प्रवचन सुनने रुक गए।

प्रवचनकर्ता ने कहा -ईश्वर अव्याखेय है ...

'हाँ बिल्कुल आदमी की तरह' ईश्वर बोल पड़े .
प्रवचनकर्ता ने उन्हें 'मूर्ख' कहा.ईश्वर ने बदले में उसे मूर्ख कहने कि बजाय वहां से चुपचाप चले जाना ठीक समझा.

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