Friday, July 4, 2008

भगत सिंह बिल्डर्स

10 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

कौन बनाएगा भगत सिंह। सब बनाना तो चाहते हैं। लेकिन यह भी कि पड़ौस के घर में बन, उस के खुद के घर में नहीं।

Ashutosh said...

sir, aapne thick hi likha hai!

Ashutosh said...

sir, aapne thick hi likha hai!

Ashok Kumar pandey said...

http://asuvidha.blogspot.com/2008/10/blog-post.html

एक कविता है भगत सिह पर्…उद्भावना मे आयी थी …सम्भव हो तो देखें

रश्मि प्रभा... said...

नम मिट्टी तो है,
पर सांचे में ढालना आसान नहीं
मैंने अपनी मिट्टी को तराशा है,
एक को देश कि रखवाली में रखा,
दूसरे को न्याय की राह पर
तीसरे को आम आवाज़ बनाने का निर्माण कार्य चल रहा है......
शुभकामनायें

amit said...

agar apne ghar mein koi bhagat singh banana bhee chahe to use duniya bhagata nahin banne degi

प्रदीप जिलवाने said...

सर ब्‍लॉग पर आपकी चुप्‍पी कब टूटेगी. सभी को आपके ब्‍लॉग पर कुछ नया पढ़ने की इच्‍छा हैं.
- प्रदीप जिलवाने, खरगोन म.प्र.

प्रदीप कांत said...

सर,
अब इस ब्लॉग पर नया कब पढने को मिलेगा?

चंदन कुमार मिश्र said...

खाली लेख? आपसे सम्पर्क करना चाहता हूँ। ईमेल पता देने का कष्ट करें।

मुकेश कुमार सिन्हा said...

:)